Reliance Industries Share : मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 18,165 करोड़ रुपये रहा। वहीं, परिचालन से राजस्व लगभग 9.9 प्रतिशत बढ़कर 2.58 लाख करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने बताया कि इस ग्रोथ की सबसे बड़ी वजह उसके तीन प्रमुख कारोबार—रिटेल, जियो और ऑयल-टू-केमिकल (O2C)—का मजबूत प्रदर्शन है।
कंपनी की आय और मुनाफा
रिलायंस का ग्रॉस रेवेन्यू 2.83 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछले साल की तुलना में करीब 10 प्रतिशत ज्यादा है। EBITDA यानी ब्याज, कर, मूल्यह्रास और अमॉर्टाइजेशन से पहले की कमाई 50,367 करोड़ रुपये रही। कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 22,092 करोड़ रुपये और शेयरहोल्डर्स के लिए नेट प्रॉफिट 18,165 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह निरंतर वृद्धि दिखाती है कि कंपनी की विविध व्यापार रणनीति सफल रही है। मुकेश अंबानी ने कहा कि मजबूत घरेलू बाजार और तकनीकी नवाचार ने कंपनी को “संतुलित और सतत विकास” की दिशा में आगे बढ़ाया है।
जियो का शेयर प्रदर्शन
जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने फिर से कंपनी की कमाई में अहम भूमिका निभाई। जियो का एआरपीयू (प्रति ग्राहक औसत आय) बढ़कर 211.4 रुपये हो गया, जो सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत ज्यादा है। सब्सक्राइबर बेस अब 50 करोड़ के पार पहुंच गया है। हर महीने लगभग 10 लाख नए घर जियो के फाइबर नेटवर्क से जुड़ रहे हैं, जिससे कंपनी की होम ब्रॉडबैंड मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। इस तिमाही में जियो का EBITDA 17.7 प्रतिशत बढ़कर 18,757 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जुलाई में हुए टैरिफ संशोधन और 5G सेवाओं के विस्तार से इस वृद्धि को बल मिला।
रिटेल बिजनेस का प्रदर्शन
रिलायंस रिटेल ने भी इस तिमाही में शानदार नतीजे दर्ज किए। रिटेल सेगमेंट का शुद्ध लाभ 22 प्रतिशत बढ़कर 3,457 करोड़ रुपये रहा जबकि ग्रॉस रेवेन्यू में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। कंपनी के सभी बिजनेस श्रेणियों—ग्रोसरी, फैशन और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स—में डबल डिजिट की ग्रोथ दर्ज की गई। स्टोर विस्तार, डिजिटल बिक्री और बेहतर सप्लाई चेन प्रबंधन ने कारोबार को मजबूती दी। प्रबंधन के मुताबिक हाल के जीएसटी दर बदलाव और त्योहारी सीजन से आने वाले महीनों में खपत और बढ़ सकती है।
O2C सेगमेंट में प्रदर्शन
ऑयल-टू-केमिकल (O2C) बिजनेस में भी सुधार देखा गया है। इस सेगमेंट का राजस्व 3.2 प्रतिशत बढ़ा और ईंधन क्रैक्स तथा पॉलीमर डेल्टा में सुधार से मार्जिन बेहतर हुआ। हालांकि डाउनस्ट्रीम केमिकल्स का बाजार अंतरराष्ट्रीय दबाव में रहा, लेकिन पॉलीमर स्प्रेड और रिफाइनरी यूटिलाइजेशन में सुधार ने कमाई को सहारा दिया। कंपनी ने कहा कि आने वाले महीनों में इस उद्योग में संतुलन लौटेगा और केमिकल बाजारों में सुधार देखने को मिल सकता है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति
30 सितंबर 2025 तक कंपनी का नेट डेब्ट करीब 1.19 लाख करोड़ रुपये था। कंपनी ने इसे अपनी चल रही निवेश योजनाओं का हिस्सा बताया। रिलायंस ऊर्जा, मीडिया और कंज्यूमर ब्रांड्स को भविष्य की विकास यात्रा का नया इंजन मान रही है। साथ ही, 5G और डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार कंपनी की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रबंधन का कहना है कि भारत-केंद्रित रणनीति और टेक्नोलॉजी लीडरशिप आने वाले वर्षों में कंपनी को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
ब्रोकरेज हाउस की राय
कई ब्रोकरेज फर्मों ने रिलायंस के स्टॉक पर सकारात्मक रुख रखा है। मॉर्गन स्टेनली ने शेयर के लिए 1,701 रुपये का लक्ष्य दिया है, जबकि सिटी ने 1,690 रुपये और इन्वेस्टेक ने 1,890 रुपये का टारगेट रखा है। विश्लेषकों का कहना है कि 5G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रिन्यूएबल एनर्जी थीम कंपनी के लिए दीर्घकालीन ग्रोथ के रास्ते खोलेंगे। ऊर्जा क्षेत्र में नीति बदलाव और सौर उद्योग में चीन से प्रतिस्पर्धा रिलायंस के लिए नए अवसर बना सकती है।
