Muhurat Trading पर यह Semiconductor स्टॉक मचाएगा धमाल! कंपनी ने पहला ‘मेड इन सानंद’ चिप मॉड्यूल भेजा US

Muhurat Trading पर यह Semiconductor स्टॉक मचाएगा धमाल! कंपनी ने पहला ‘मेड इन सानंद’ चिप मॉड्यूल भेजा US
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Muhurat Trading : सेमीकंडक्टर कंपनी केन्स टेक्नोलॉजी इंडिया (Kaynes Technology India) ने गुजरात के सानंद में बनी अपनी नई OSAT यूनिट से भारत का पहला कमर्शियल मल्टी-चिप मॉड्यूल अमेरिका भेजा। कंपनी ने 900 इंटेलिजेंट पावर मॉड्यूल्स की पहली खेप AOS नाम की ग्लोबल कंपनी को सप्लाई की। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में तेजी आई और यह करीब सात हजार रुपये के पास पहुंच गया। निवेशकों ने इसे भारत के लिए एक बड़ी तकनीकी सफलता माना।

नई फैक्ट्री और निवेश

यह यूनिट बहुत आधुनिक है और इसे Mission 1.0 प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। OSAT का मतलब है Outsourced Semiconductor Assembly and Test, यानी यहां चिप्स को पैक किया जाता है और उनकी जांच की जाती है। इस फैक्ट्री में लगभग 1,653 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। अप्रैल 2025 में इसका पायलट प्रोडक्शन शुरू हुआ था और अब सिर्फ छह महीने में ही कंपनी ने व्यावसायिक एक्सपोर्ट शुरू कर दिया है। यह दिखाता है कि यूनिट ने क्वालिटी और ग्राहक से जुड़ी सभी मंजूरियाँ जल्दी हासिल कर लीं।

प्रोडक्शन और फ्यूचर प्लान

अभी सानंद प्लांट की उत्पादन क्षमता लगभग तीन हजार यूनिट्स प्रतिदिन है। साल के हिसाब से यह करीब 11 लाख यूनिट्स होती हैं। कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में हर साल एक करोड़ यूनिट तैयार करने का है, यानी मौजूदा उत्पादन से करीब नौ गुना ज्यादा। इसके लिए कंपनी नयी मशीनें लगाएगी, ज्यादा स्टाफ भर्ती करेगी और सप्लाई चेन को बड़ा बनाएगी। कंपनी का कहना है कि विदेशी ग्राहकों की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए भविष्य में उत्पादन भी बढ़ाना जरूरी है।

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कंपनी प्रोफाइल और बिजनेस

केन्स टेक्नोलॉजी की शुरुआत 2008 में मैसूर, कर्नाटक से हुई थी। यह कंपनी एडवांस इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल और सॉल्यूशन बनाने का काम करती है। इसके प्रोडक्ट्स ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस सेक्टर में इस्तेमाल होते हैं। साल 2022 में कंपनी सार्वजनिक हुई और शेयर बाजार में आई। अब OSAT फैसिलिटी जुड़ने से केन्स डिजाइन से लेकर पैकेजिंग और टेस्टिंग तक सब कुछ खुद कर सकती है। यानी अब कंपनी पूरी वैल्यू चेन को कवर कर रही है।

सेमीकंडक्टर मिशन में भूमिका

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया था ताकि देश खुद चिप बनाना और एक्सपोर्ट करना शुरू कर सके। पहले भारत के पास डिजाइन और सॉफ्टवेयर की ताकत तो थी, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग और पैकेजिंग में पिछड़ गया था। अब Kaynes की यह उपलब्धि बताती है कि भारत उस कमी को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है। यह देश की आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ा कदम है और दुनिया को यह दिखाता है कि भारत अब ग्लोबल सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन सकता है।

शेयर बाजार पर असर

Kaynes ने जिस इंटेलिजेंट पावर मॉड्यूल की सप्लाई की है, उसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों, औद्योगिक मशीनों और पावर सिस्टम में होता है। ऐसी चिप्स की मांग दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है। भारत में भी इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और ऐसे में यह कदम पूरे सेक्टर का मनोबल बढ़ाएगा। इस उपलब्धि के बाद से कंपनी के शेयर को निवेशकों ने भरोसे के साथ खरीदा है और इसे भारत की तकनीकी प्रगति का प्रतीक बताया जा रहा है। आने वाले समय में इसी दिशा में और कई कंपनियाँ कदम बढ़ा सकती हैं।

Disclaimer: अभी की मौजूदा तेजी को देखते हुए, यह स्टॉक मिड‑टर्म निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प साबित हो सकता है। हालांकि, ऊंचे स्तरों पर एंट्री लेने से पहले विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें।

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