भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea को सुप्रीम कोर्ट से हाल ही में एक बड़ी राहत मिली है। अदालत ने AGR यानी Adjusted Gross Revenue विवाद से जुड़ी कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को इसकी शिकायतों की समीक्षा करने की अनुमति दी है। इस आदेश से कंपनी और टेलीकॉम उद्योग दोनों को उम्मीद की नई किरण दिखाई दी है।
अदालत ने छूट दी
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि सरकार Vodafone Idea की AGR बकाया से जुड़ी चिंताओं पर विचार कर सकती है। दरअसल, कंपनी का कहना है कि 2019 के सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद उसकी देनदारियां पहले ही तय हो चुकी थीं, फिर भी दूरसंचार विभाग (DoT) ने नए दावे जोड़ दिए। अदालत के निर्देश से अब कंपनी को यह मुद्दा सरकार के साथ हल करने का मौका मिलेगा।
सरकार की हिस्सेदारी
सुनवाई के दौरान भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार अब Vodafone Idea में लगभग 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के करीब 20 करोड़ मोबाइल ग्राहक इस नेटवर्क पर निर्भर हैं, इसलिए जनता के हित में कंपनी की स्थिति को स्थिर रखना जरूरी है। सरकार अब कंपनी की वित्तीय स्थिति को बेहतर करने के उपायों पर गंभीरता से विचार कर रही है।
ब्रोकरेज फर्म CITI का रुख
अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज कंपनी Citi ने इस फैसले को टेलीकॉम सेक्टर के लिए सकारात्मक कदम बताया है। Citi का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से Vodafone Idea को AGR भुगतान पर जल्द किसी न किसी राहत का संकेत मिला है। कंपनी पर अपनी “खरीदें” रेटिंग बरकरार रखते हुए Citi ने इसका लक्ष्य मूल्य ₹10 तय किया है। इसका मतलब है कि निवेशकों को अभी भी इसमें बढ़त की संभावना दिख रही है।
Vi और Indus Towers
Citi ने यह भी बताया कि AGR में राहत मिलने का फायदा सिर्फ Vodafone Idea तक सीमित नहीं रहेगा। इसकी साझेदार कंपनी Indus Towers को भी सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि Vi की आर्थिक स्थिति सुधरने पर वह अपने टावर किराए समय पर चुका सकेगी। इससे Indus Towers का कैश फ्लो बेहतर होगा और पूरे टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में स्थिरता आएगी।
बाजार की उम्मीदें
Vodafone Idea का शेयर इन खबरों के बाद ₹9.44 के स्तर पर पहुंच चुका है, जो पिछले छह महीनों में लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण ₹1.04 लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार वास्तव में AGR भुगतान में राहत देती है, तो Vi का कर्ज घटेगा, नई पूंजी जुटाने में आसानी होगी और आने वाले वर्षों में इसका व्यवसाय फिर से मुनाफे की दिशा में बढ़ सकता है।
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से लिखी गई है। यह किसी वित्तीय सलाह या निवेश सिफारिश के रूप में नहीं मानी जानी चाहिए।
