ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (Ola Electric Mobility Ltd) ने शनिवार, 25 अक्टूबर को बताया कि कंपनी का बोर्ड अब फंड जुटाने की तैयारी में है। कंपनी करीब 1,500 करोड़ रुपये तक की रकम जुटाना चाहती है। इस फैसले को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मंजूरी दे दी है।
इसमें नए शेयर जारी करना, वारंट जैसे कन्वर्टिबल सिक्योरिटी देना, या अन्य वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल शामिल हो सकता है। जैसे पब्लिक ऑफर, राइट्स इश्यू, क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) या फिर प्राइवेट प्लेसमेंट। लेकिन यह सब तभी मुमकिन होगा जब शेयरधारक इस प्रस्ताव को मंजूरी देंगे। फिलहाल कंपनी ने यह नहीं बताया है कि इस पैसे का इस्तेमाल कहां और कैसे किया जाएगा।
Ola Electric का नया एनर्जी प्लान
हाल ही में ओला इलेक्ट्रिक ने यह भी साफ़ किया था कि अब वे सिर्फ इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने तक सीमित नहीं रहना चाहते। कंपनी अब क्लीन एनर्जी सेक्टर यानी स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भी काम करने की योजना बना रही है। इसी सोच के तहत ओला ने 16 अक्टूबर को एक नई प्रोडक्ट सीरीज़ शुरू की जिसका नाम Ola Shakti रखा गया है। यह एक पोर्टेबल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) है, जिसे जरूरत पड़ने पर अलग-अलग जगहों पर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
ओला शेयर का हाल
शुक्रवार, 24 अक्टूबर को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 1.43% की गिरावट के साथ 52.92 रुपये पर बंद हुए। पिछले एक महीने में इस स्टॉक में करीब 5.5% की गिरावट आई है। वहीं पूरे साल की बात करें तो यह स्टॉक लगभग 31.5% नीचे गया है। जब कंपनी का आईपीओ आया था, तब उसकी कीमत 76 रुपये थी। यानी आज भी यह अपने आईपीओ प्राइस से लगभग 30% नीचे चल रहा है। इतनी गिरावट के बाद भी कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले समय में उसके नए प्रोजेक्ट्स से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट
दुनिया की मशहूर ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने ओला इलेक्ट्रिक के शेयर का 12-महीने का टारगेट घटा दिया है। पहले यह ₹72 था, अब इसे घटाकर ₹62 कर दिया गया है। उनका कहना है कि पिछले छह महीनों में ओला का इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट शेयर 20% से घटकर 15% से भी नीचे चला गया है।
हालांकि, Goldman Sachs ने ओला इलेक्ट्रिक को अब भी ‘बाय’ यानी खरीदने लायक शेयर बताया है। उनका कहना है कि निवेशक अब इस बात पर नजर रखेंगे कि ओला का क्लीन एनर्जी और बैटरी स्टोरेज वाला नया बिजनेस कितना कामयाब होता है। अगर यह क्षेत्र अच्छा चला, तो कंपनी दोबारा मार्केट में मजबूत स्थिति में आ सकती है।
(यह लेख सिर्फ जानकारी देने के लिए है। इसमें लिखी बातों को निवेश की सलाह न मानें। किसी भी शेयर बाजार से जुड़े फैसले से पहले खुद जांच करें या विशेषज्ञ की सलाह लें।)
