300₹ से लुढ़कर 3₹ पर आया शेयर का भाव, देखें कंपनी का नाम

300₹ से लुढ़कर 3₹ पर आया शेयर का भाव, देखें कंपनी का नाम
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Jaiprakash Associates Share : जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के शेयर का हाल ही में बाजार में शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। शुक्रवार को कंपनी के शेयर में 5 पर्सेंट का अपर सर्किट लगा और इसका भाव ₹3.20 तक पहुंच गया। लंबे समय से इस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग ठप थी, लेकिन इस बार इसमें हलचल बढ़ी है। हालांकि, पहले यह शेयर बहुत ऊंचे भाव पर बिकता था। साल 2007 में इसका रेट ₹282 था, यानी इतने सालों में इसमें बड़ा गिरावट आई है।

शेयर में क्यों आई तेजी

इस तेजी की सबसे बड़ी वजह है भारत की प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की मंजूरी। आयोग ने जिंदल पावर लिमिटेड को जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को खरीदने की अनुमति दे दी है। यह सौदा जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) के लिए बहुत अहम है, क्योंकि JPL, JSPL की अपनी कंपनी है। इस मंजूरी के बाद निवेशकों में उम्मीद जगी है कि कंपनी के हालात सुधार सकते हैं, इसलिए शेयर भाव ऊपर गया।

डील की पूरी जानकारी

जयप्रकाश एसोसिएट्स पर करीब ₹57,185 करोड़ का कर्ज है। इतने बड़े कर्ज के कारण यह भारत का एक बहुत बड़ा दिवालियापन मामला बन गया है। अगर जिंदल पावर इसे खरीदने में सफल होती है, तो उसे जयप्रकाश एसोसिएट्स की कई संपत्तियां और सीमेंट निर्माण की क्षमता अपने ग्रुप में जोड़ने का मौका मिलेगा। इससे जिंदल ग्रुप की ताकत और बढ़ जाएगी।

दूसरी तरफ, इस सौदे से कंपनी के ऋण दाताओं को उम्मीद होगी कि उनका पैसा वापस मिलने की संभावना बढ़ेगी। इस तरह यह सौदा एक तरफ जिंदल ग्रुप के लिए विस्तार का मौका है, तो दूसरी तरफ जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए मुश्किलों से बाहर निकलने का रास्ता।

अगर यह डील पूरी हो जाती है, तो यह भारतीय कॉर्पोरेट दुनिया में एक बड़ा बदलाव होगा। इससे जिंदल पावर की मौजूदगी कई क्षेत्रों में मजबूत होगी और जयप्रकाश एसोसिएट्स की स्थिति सुधरने के आसार बनेंगे। निवेशक भी इस खबर से खुश हैं, क्योंकि कंपनी के शेयरों में फिर से जान आती दिख रही है।

कंपनी की मौजूदा स्थिति

जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड एक बड़ी कंपनी है जो कई काम करती है, जैसे सीमेंट बनाना, रियल एस्टेट, होटल चलाना और पावर प्रोजेक्ट पर काम करना। लेकिन अभी कंपनी मुश्किल दौर से गुजर रही है। यह कंपनी दिवालियापन प्रक्रिया में है और Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) के तहत इसका केस चल रहा है। CCI की मंजूरी सिर्फ एक शुरुआती कदम है। अब फैसला क्रेडिटर्स की समिति (CoC) को करना है, जो सभी योजनाओं की समीक्षा कर रही है, जिनमें जिंदल पावर का प्रस्ताव भी शामिल है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले पर मतदान हो सकता है।

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