Banking Stocks : सरकार और आरबीआई ने हाल में कुछ बड़े कदम उठाए हैं जैसे जीएसटी दरें घटाना, टैक्स में राहत देना और नीतिगत ब्याज दर में 0.50% की कटौती। इन फैसलों से बाजार का माहौल बेहतर होगा और 2026 की दूसरी छमाही में लोन की मांग बढ़ सकती है। इसी उम्मीद में मोतीलाल ओसवाल ने दो बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयर खरीदने की सलाह दी है।
ICICI Bank शेयर का प्रदर्शन
आईसीआईसीआई बैंक का शेयर शुक्रवार को ₹1365 पर बंद हुआ और लक्ष्य ₹1670 रखा गया है। इसका मतलब है कि निवेशकों को 22% से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। बैंक की बिजनेस में विविधता और अच्छी रणनीति की वजह से यह इंडस्ट्री से बेहतर स्थिति में है।
बैंक ने 4 अक्टूबर 2025 से “सेम-डे चेक क्लीयरिंग” सुविधा शुरू की है। अब जो ग्राहक तय समय से पहले चेक देंगे, उन्हें उसी दिन भुगतान मिल सकेगा। ₹5 लाख से ऊपर के चेक के लिए “पॉजिटिव पे सिस्टम” लागू हुआ है, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी और धोखाधड़ी कम होगी।
इसके अलावा बैंक डिजिटल प्रक्रियाओं और ऑपरेशनल काम में सुधार कर रहा है। बैंक की एसेट क्वॉलिटी मज़बूत है और समझदार नीतियों की वजह से जोखिम कम है। आने वाले महीनों में जब लिक्विडिटी बढ़ेगी और सीआरआर घटेगा, तब बैंक के मुनाफे पर अच्छा असर हो सकता है।
HDFC Bank शेयर का प्रदर्शन
एचडीएफसी बैंक का शेयर शुक्रवार को ₹964.75 पर बंद हुआ और लक्ष्य ₹1150 तय हुआ है, जिससे करीब 19% रिटर्न मिलने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025 में बैंक ने लोन ग्रोथ थोड़ा धीमा रखा ताकि लोन और डिपॉजिट का संतुलन बना रहे। अब वित्त वर्ष 26-27 में बैंक तेज विकास की तैयारी कर रहा है।
बैंक रिटेल और कॉर्पोरेट बैंकिंग के साथ टेक्नोलॉजी पर भी ध्यान दे रहा है। डिपॉजिट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और बैंक महंगे फंड की जगह सस्ते बचत स्रोतों पर जोर दे रहा है।
हालांकि ब्याज दरों में कटौती से थोड़े समय के लिए मुनाफे पर असर पड़ सकता है, लेकिन अच्छी प्रोविजनिंग, बेहतर एसेट मिक्स और ऑपरेशनल दक्षता के जरिए बैंक की स्थिति स्थिर बनी रहेगी। एचडीएफसी बैंक की एसेट क्वॉलिटी अपने सेक्टर में सबसे अच्छी मानी जाती है और अनुशासित प्रबंधन इसे लंबे समय में ऊंचे मुनाफे और टिकाऊ विकास की दिशा में रखता है।