V-Mart Retail Share : रिटेल सेक्टर में काम करने वाली वी-मार्ट रिटेल ने इस बार सितंबर 2025 की तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने ग्राहकों तक अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए नए स्टोर्स खोले और बिक्री में अच्छी-खासी बढ़त दर्ज की है।
कंपनी के तिमाही नतीजे
पिछली तिमाही यानी Q2FY26 में वी-मार्ट ने पूरे देश में 25 नए स्टोर्स शुरू किए। ये स्टोर्स कर्नाटक, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में खुले हैं। हालांकि इस दौरान खराब प्रदर्शन करने वाले दो स्टोर्स को बंद भी करना पड़ा। 30 सितंबर 2025 तक कंपनी के पास कुल 533 स्टोर्स हो चुके हैं। कंपनी के बिजनेस अपडेट के मुताबिक सितंबर क्वार्टर में कुल रेवेन्यू 807 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की इसी अवधि के 661 करोड़ रुपये की तुलना में 22% ज्यादा है। इतना ही नहीं, सेम-स्टोर सेल्स में भी 11% की बढ़त देखने मिली।
ब्रोकरेज हाउस की राय
HDFC Securities ने वी-मार्ट के शेयर पर भरोसा जताते हुए इसे ‘Buy’ रेटिंग दी है और 840 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है। यह मौजूदा शेयर प्राइस से लगभग 10% ज्यादा है। ब्रोकरेज का मानना है कि शेयर में हाल की गिरावट ओवर-रिएक्शन थी और अब कंपनी तेजी से रिकवरी कर रही है। शुक्रवार, 3 अक्टूबर को बाजार में इस अपग्रेड का असर दिखाई दिया, जहां वी-मार्ट का शेयर करीब 5% उछलकर 761.90 रुपये तक ट्रेड करता दिखा।
ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत में वी-मार्ट की मांग सबसे ज्यादा स्थिर और मजबूत बनी हुई है। जुलाई और अगस्त में भारी बारिश की वजह से बिक्री थोड़ी थमी हुई थी, लेकिन सितंबर में त्योहारों की जल्दी शुरुआत से बिजनेस में अच्छा सुधार देखने मिला। इसी कारण कंपनी ने आगे हाई सिंगल डिजिट ग्रोथ की गाइडेंस दी है।
कंपनी के बारे में
वी-मार्ट अपने 70% सेल्स प्राइवेट लेबल यानी खुद के ब्रांड के जरिए करता है। कंपनी के 85% प्रोडक्ट्स 1000 रुपये से कम दाम के हैं और औसत कीमत लगभग 340 रुपये से शुरू होती है। यानी यह अपने कस्टमर्स को किफायती दाम पर नए और अच्छे विकल्प देता है।
इसके अलावा, कंपनी लगातार अपने प्रोडक्ट रेंज को बढ़ा रही है। अब वह ब्यूटी और फैशन एक्सेसरीज़ जैसे नए सेगमेंट पर भी ध्यान दे रही है। हालांकि इस बार ग्रॉस मार्जिन में हल्की 60 बेसिस प्वॉइंट्स की गिरावट का अनुमान है, लेकिन अच्छी इन्वेंट्री मैनेजमेंट से नुकसान को संतुलित करने की कोशिश हो रही है।